मुझे रख दिया छांव में, खुद जलते रहे धूप में, मैंने देखा है ऐसा एक फरिश्ता, अपने पिता के रूप में। ये पंक्तियां जाने कहाँ सुनी थी ये तो याद नहीं, पर इतना कह सकती हूँ कि हैं एकदम सही। सलाम दोस्तों। वैसे तो हमारे समाज में माँ-बाप का स्थान पहले ही सबसे ऊंचा रहा है, परन्तु आजकल वैश्वीकरण के चलते हम विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय दिवसों को भी ख़ुशी-ख़ुशी मनाते हैं।इसी लिहाज़ से प्रत्येक वर्ष जून के तीसरे रविवार को 'इंटरनेशनल फादर्स डे' ( International father's day ) का दिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है. क्या आप जानते हैं कि इस दिन की शुरुआत कैसे हुई??? नहीं? चलिए मैं बताती हूँ। इस दिन को मनाने के लिए एक बेटी ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। दरअसल, 1909 में सोनोरा लुईश स्मार्ट डॉड (Sonora Louise Smart Dodd) नाम की एक 16 साल की लड़की ने पिता के नाम इस दिवस को मनाने की शुरुआत की थी। सोनोरा, जब 16 साल की थी तब उसकी मां उसे और उसके 5 छोटे भाइयों को छोड़कर चली गईं थी। सोनोरा के पिता ने पूरे घर और बच्चों की जिम्मेदारी बखूबी निभाई।एक दिन सोनोरा ने 1909 में मदर्स डे के बार...