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आखि़र क्यूँ?

आए दिन अखबार के किसी कोने में देखने को मिल रहे है। कभी किसी ने परीक्षा मे फेल होने पर फांसी लगाई तो किसी ने प्यार में नाकाम होने पर किसी ने खुद को आग के हवाले कर दिया।
आजकल युवाओं के भीतर सहनशक्ति में भी अत्याधिक कमी देखी जा रही है. वर्तमान समय में लगभग सभी ओर प्रतिस्पर्धा हावी हो चुकी है, जिनमें असफलता व्यक्ति को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर देती है। ज़ाहिर है कोई व्यक्ति अपने सुनहरे सपनों और बहुमूल्य जीवन का अंत खुशी से नहीं करेगा. अगर वे आत्महत्या जैसा कदम उठाते हैं तो इसके पीछे उनकी कोई बहुत बड़ी मजबूरी  होती है.

आधुनिक भागदौड के इस जीवन में कभी न कभी हर व्यक्ति डिप्रेशन अर्थात अवसाद का शिकार हो ही जाता है। डिप्रेशन आज इतना आम हो चुका है कि लोग इसे बीमारी के तौर पर नहीं लेते और नजरअंदाज कर देते हैं। किन्तु ऎसा करने का परिणाम कभी कभी बहुत ही बुरा हो सकता है।काम की भागदौड़ में कई बार इंसान डिप्रेशन का शिकार हो जाता है यानी वह मानसिक अवसाद में आ जाता है। कई बार डिप्रेशन इतना अधिक बड़ जाता है कि व्यक्ति कुछ समय के लिए अपनी सुध-बुध खो बैठता है।

पहले यह माना जाता था कि पारिवारिक आर्थिक संकट और वित्तीय परेशानी ही व्यक्ति को आत्महत्या करने के लिए विवश करती है लेकिन अब आर्थिक कारणों से कहीं ज्यादा कॅरियर की चिंता या असफलता युवाओं को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर रही है। हालांकि संबंधों में कटुता भी युवाओं के आत्महत्या करने का एक बड़ा कारण है ।अंत में उनके पास अपना जीवन समाप्त करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं रह जाता।

प्राय: देखा जाता है जहां कुछ युवा कॅरियर या पढ़ाई के दबाव में आत्महत्या करने का निर्णय लेते हैं वहीं कुछ प्रेम संबंधों या विवाह जैसे निजी कारणों से परेशान हो कर यह राह अपनाते हैं. इससे यह साफ जाहिर होता है कि सार्वजनिक तौर पर आत्महत्या का कोई कारण लागू नहीं किया जा सकता. यह पूर्णत: व्यक्तियों के स्वभाव और उनकी प्राथमिकताओं पर ही निर्भर है. जब व्यक्ति परेशानियों से घिरने लगता है तो अपरिपक्वता के कारण वह आत्महत्या को ही एक बेहतर विकल्प समझने लगता है.

लेकिन यहां सवाल यह उठता है कि आखिर क्या कारण है कि आत्महत्या, जिसे नैतिक और कानूनी दोनों ही दृष्टिकोण से एक अपराध की संज्ञा दी जाती है, व्यक्ति को सभी दुखों का अंत लगती है?
वजह यह है कि कोई सुनाना तो चाहता है पर क्या कोई सुनने को तैयार है। हर कोई समझाने को तैयार है पर क्या कोई समझने को तैयार है। कोई एक बार भी अगर दिल का हाल सिर्फ सुन ले और बस इतना कह दे कि हर परिस्थिति में मैं तुम्हारे साथ हूं तो शायद लोगों को यह ख़्याल  कभी न आए। पर हम सब अपने जीवन में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि जब कोई ऐसी ख़बर मिलती है तो हमें विश्वास ही नहीं होता कि फलां व्यक्ति भी डिप्रेशन में हो सकता है।
इससे पहले कि अनहोनी हो, अपने अपनो को ज़रा सा वक्त देकर सम्भाल लेना।।।
RIP🙏Sushantsinghrajput
@उड़ान

टिप्पणियाँ

  1. Very well said Ma'am.
    The news left us shocked but this time is to take a step ahead to listen to someone, to speak out in front of someone.
    RIP Sushant Singh Rajput🙏

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  2. Sahi baat h mam
    Aajkl log social media pr hazaro dost bnate h
    dusro ki baate sunte h influence hote h
    Pr apna ek saccha dost ni bna pate jo unki baate sun sake

    जवाब देंहटाएं
  3. Right mdm....
    Log zindagi jeena se jyada bahari chizo ko jyada importance deta ..
    Jo ki life me ati or jati h ...

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत दुःख होता जब किसी के आत्महत्या की खबर मिलती है ।
    आज सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या से में बहुत दुखी हू ओर यह दुख इस बात का है, कि सुशांत सिंह राजपूत जैसे इतने कामयाब व्यक्ति होने के बाद भी अपनी परेशानी का सामना नही कर पाएं तो क्या होगा इस नोजवान पीढ़ी का हर व्यक्ति को अपने जीवन मे कुछ न कुछ परेशानी तो होती है पर आत्महत्या तो इस का हल नही ?
    आत्महत्या के बाद वह व्यक्ति तो चल जाता है पर वह जाने से पहले ये भी नही सोचता कि उनके जाने के बाद उसने परिवार का क्या हो कौन उसके माता पिता का सहारा बनेगा ।
    मै बस आप सब से यही कहना चाहता हूँ कि जीवन में कितना भी बड़ा संकट है क्यों ना आ जाये उसका डट कर सामना करो क्योंकि हर एक बड़ी से बड़ी परेशानी का हल हो है ओर हा किसी भी परेशानी का हल आत्महत्या (मौत) तो नही होती ।
    आत्महत्या तो केवल एक कायरता की निशानी है वीरता की नही कायर व्यक्ति उस परेशानी से लड़ने कठिन की वजह समझ कर मौत को गले लगाना ही ठीक समझता है।
    ओर हा यदि आप को कोई बात ( हालात )बहुत परेशान करे की आप को यह लगने लगे कि इससे अच्छा तो मौत को गले लगा लेना है तो उसे पहले अपने माँ बाप ओर भाई बहन के बारे में एक बार जरूर सोचना वो माँ बाप जो आप को कामयाब बनाने ये लिये अपनी पूरी जिंदगी लगा देते हैं जो आप की ख़ुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार होते है जब हम हँसते है तो माँ बाप हँसते है ओर यदि आपको एक छोटी सी भी चोट लग जाने पर बहुत दुखी होते हैं आपके लिये परेशान हो जाते हैं तो सोचिये आपके जाने के बाद उनका क्या होगा उनकी तो दुनिया ही लूट जाएगी इसलिये आत्महत्या करने के बारे में सोचने से पहले यह जरूर सोचना ।
    RIP🙏🏻🙏🏻सुशांत सिंह राजपूत 😥😥

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