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मजबूरियाँ....

सलाम दोस्तों! 
आज एक खास मकसद से यह ब्लॉग लिख रही हूँ। काफी दिनों से इस विषय पर लिखने का सोच रही थी पर हर बार लगा कि इससे बहुत लोगों को यह लगेगा कि मैं उनके निजी शौक में दख़ल दे रही हूँ, पर आज मैं खुद को रोक नहीं पायी।
दोस्तों, आजकल पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है तो बहुत लोग इस समय का सदुपयोग करने के लिए अपने तरह-तरह के शौक पूरे करने में जुटे हुए हैं,जो कि बहुत अच्छी बात है। इन्हीं में शामिल है- खाना बनाना।रोज़ नए नए व्यंजन बनाना। काफी अच्छा शौक है कि जो चीज़ें हम बाहर बड़े चाव से खाते थे, उन्हें हम घर पर बनाना भी सीख रहे हैं, और अपने परिवार के साथ समय भी बिता रहे हैं जो हम पहले नहीं कर पाते थे। 
इसी के साथ एक नया चलन देखने को मिल रहा है,वो है अच्छे- अच्छे व्यंजन बनाकर उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करना। ठीक है ,आपका शौक था, आपकी मर्ज़ी थी,आपका अकाउंट था, आप जो चाहे कर सकते हैं। पर सिर्फ एक पल के लिए उन लोगों के बारे में सोचिए जिनके पास इस लॉकडाउन की वजह से दो वक्त की रोटी की व्यवस्था कर पाना भी मुश्किल है ,और उनकी जगह खुद को रख कर देखिए।ईश्वर न करे किसी को ऐसा वक्त देखना पड़े। कुछ लोग वाकई कुछ नहीं बताते परंतु मन ही मन अपनी मजबूरियाँ देखकर दुखी ज़रुर होते हैं। 
मैं यहाँ खाने और बनाने के लिए मना नहीं कर रही हूँ, बस एक छोटी सी दरख़्वास्त कर रही हूँ कि कृपया कर अपने दस्तरख़्वान (खाने)की फोटो साझा न करें और ऐसे लोग, जो भले ही अपनी मजबूरियाँ ज़ाहिर नहीं कर रहे पर अगर आपको लगता है कि वे परेशान है तो आगे बढ़कर उनकी मदद कीजिये। यकीन मानिये, जो सुख ये करके आपको मिलेगा वो आपको अपने खाने की तस्वीर साझा करके कभी नहीं मिल सकता ।करके देखिए, अच्छा लगता है, सुकून मिलता है। 
उड़ान@हुमा खान

टिप्पणियाँ

  1. उत्तर
    1. Ya you might be. So, don't forget to forward it to those who really need to look into themselves.

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  2. I m totally in support of u..There are many ppl who stuck in this lockdown n they did not have enough food to eat. We need to built up their morals but by this types of post ppl doing opposite of tht.....I hope ppl will understand that these types of ppl needs our support n empathy..

    जवाब देंहटाएं
  3. आप ने वास्तविक स्थिति को सामने लाकर कम शब्दो मे बहुत कुछ कह दिया
    वास्तव में हम अपनी एक छोटी सी रुचि के लिए कितने लोगों को अनजाने में पीड़ा दे देते है

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  4. Me bhi yhi soch rha tha ma'am is ke liye aap ka bahut bahut sukriya

    जवाब देंहटाएं

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