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मदर्स डे

सलाम दोस्तों! आज कौन सा दिन है ये बताने की ज़रूरत नहीं है शायद। हर एक स्टेटस पर आज मांओं की तस्वीर लगी है अर्थात आज मदर्स डे है।
दोस्तों, दुनिया में माँ की मोहब्बत का कोई सानी नही है। "जब दवा काम न आये तब नजर उतारती हैं, ये माँ हैं साहब हार कहाँ मानती हैं"
ये मशहूर पंक्तियाँ हमेशा से मेरे जीवन में बिल्कुल सटीक बैठती हैं और शायद आप सभी के भी।
 मां का आँचल अपनी औलाद के लिए कभी छोटा नहीं पड़ता। माँ का भरोसा और प्यार अपनी संतान के लिए इतना गहरा और अटूट होता है कि माँ अपने बच्चे की खुशी के खा़तिर सारी दुनिया से लड़ सकती है। वो एक अकेली बहुत होती है बुरी नजरों और दुनिया की बुराइयों से अपनी औलाद को बचाने के लिए।मां की आंखें वो आईना हैं, जहां औलाद कभी बूढ़ी नहीं होती। 

एक किस्सा बचपन में हम सभी ने पढा-सुना है। बल्ब जैसी अद्भुत चीज़ों के आविष्कारक , थॉमस अल्वा एडिसन को स्कूल वालों ने मन्द बुद्धि कहकर निकाल दिया था। यह बात उनकी माँ ने उनसे हमेशा छुपाई और खुद घर पर उन्हें शिक्षित किया। वे इस बात को कभी नहीं जान पाये की स्कूल से उन्हें क्यों निकाला गया था। बहुत समय बाद,उन्हें स्कूल की वो डायरी मिली जिसमे लिखा था कि आपका बेटा मंदबुद्धि है व हमारे स्कूल के लायक नहीं पर तब तक वे दुनिया में बहुत नाम कमा चुके थे। 
माँ का प्यार हमारे लिए न दिन देखता है, न रात बल्कि हमेशा बना रहता है। फिर हम क्यों ममता को केवल एक दिन में बांधते हैं? माँ जब हमारे लिये अपना हर दिन देती है तो हम अपनी माँ के प्रति प्यार और सम्मान को एक दिन में क्यों बांधें?
क्या आप जानते हैं मदर्स डे मनाने के पीछे का इतिहास क्या है? ये एक दिन माँ के नाम करने की प्रथा कब से चली? अमेरिका में एक एना एम जार्विस नाम की एक अविवाहित महिला थीं। जार्विस अपनी माँ से बेहद प्रभावित थीं। अपनी माँ के जाने के बाद उन्होंने मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में मनाने के लिए लोगो से समर्थन हासिल किया ताकि लोग अपनी माँ की ओर भी ध्यान दें और उनके साथ वक्त बिताकर उनका शुक्रिया अदा करें। जार्विस की कोशिश रंग  लाई और 8 मई 1914 को संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे घोषित किया।

मदर्स डे पर हम मां को ढेरों उपहार देते हैं। आइए इस एक दिन में उपहार देने की परंपरा को हटाकर, जब माँ का चश्मा टूटे बनवा दें, जिस दिन माँ अधिक थकी हो पैर दबा दें, किसी दिन उनका हाथ बटाएं, उनके साथ बैठें और बातें करें। हाँ,जानती हूँ कि व्यस्तता के कारण रोज़ यह संभव नहीं हो पाता,पर कभी कभार तो हो ही सकता है। 

खै़र मेरी ओर से सभी मांओं को मदर्स डे की ढेरों शुभकामनाएं।।

कमेंट्स में ज़रूर बताएं कि आपको यह ब्लॉग कैसा लगा। 
उड़ान@हुमा खान 

टिप्पणियाँ

  1. Great piece of writing😊
    I also believe that mother's day should be celebrated in whole year and everyday because if she loves us whole year the same then why shouldn't we celebrate a day for her the whole year😊
    HAPPY MOTHER'S DAY

    जवाब देंहटाएं
  2. True line.... reality of today....ebery day should be the mother's Day...
    Sabir

    जवाब देंहटाएं

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