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अजब प्रेम की गज़ब कहानियाँ

सलाम दोस्तों! 
वेलेंटाइन सप्ताह चल रहा है तो ज़ाहिर है यहाँ बात उसी की करने वाली हूँ। इस सप्ताह में गाहे बगाहे अगर प्रेमी जोड़े देखने को मिल जाए तो कोई बड़ी बात नहीं पर एक चीज़ जो आपको सोचने पर मजबूर कर देती है वो है इन जोड़ो की उम्र।
जी हाँ, आजकल जो जोड़े दिखाई देते हैं उनकी उम्र इतनी कम होती है कि कभी कभी लगता है कि इनसे बात की जाए, इनकी मनोस्थिति को समझा जाए। महज़ पंद्रह सोलह साल की उम्र में साथ जीने मरने के ऐसे वादे कर लेते हैं जिनका ठीक से मतलब भी इन्हें पता नहीं होता। अक्सर एक चीज़ जो मुझे अंदर तक झकझोर देती है, वह है इनकी पीठ पर दिखाई देने वाले बस्ते।जी हाँ! स्कूल बैग्स या कहें कोचिंग बैग। अर्थ यह है कि ये बच्चे घर से पढाई के इरादे से निकले हैं या यूँ कहें कि इनके घरवालों ने इन्हें अपने सपनो को पूरा करने भेजा है,पर ये क्या! यहाँ तो कोई और ही सपने बुने जा रहे है। 
क्या इन्हें सच में एहसास नहीं कि ये किस दलदल में फँसते जा रहे हैं?इसका जवाब है -हाँ। इन्हें वाकई नहीं पता कि इससे इन्हें क्या नुकसान है।
अब सवाल ये आता है कि इनके इस राह पर जाने की वजह कौन है? कौन जिम्मेदार होगा इनके द्वारा लिए गये फैसलों का? कुछ कहेंगे कि इनके माँ-बाप,कुछ कहेंगे-दोस्त।
अरे भई, कोई माँ बाप नहीं चाहेंगे कि उनके बच्चे इस दलदल में जाएं और दोस्त ठहरे इन्हीं की उम्र के। अब कौन ज़िम्मेदारी लेगा?
ज़िम्मेदार हैं हम सब। हर वह व्यक्ति जो इन्हें समझा सकता है। हाँ! मैं समझती हूँ कि हर बच्चे को राह चलते टोकना आसान नहीं है और न ही आजकल के बच्चे इस तरह की रोक टोक सहन कर सकते हैं।उनके अंदर इतनी सहनशीलता ही नहीं कि वे अपने ख़िलाफ कुछ सुन सकें। फिर भी हम उन बच्चों को तो समझा ही सकते हैं जिन्हें हम जानते हैं। पीठ पीछे अपने परिचितों के बच्चों की गलत आदतों का बख़ान करना आसान है पर उन्हीं बच्चों को अगली बार अपना ज़रा सा समय देकर समझा दीजिए। कड़वा है पर सच है। अगर सौ में से एक बच्चा भी समझ गया तो किसी माँ बाप के मेहनत के कमाए पैसे का सही इस्तेमाल हो जाएगा और उनकी आँखों में पलने वाले अनगिनत सपने सच हो जाएंगे और इस समाज को सही दिशा देने में कहीं न कहीं आपका भी योगदान हो जाएगा।
ये ब्लॉग आपको कैसा लगा अपने कमेंट्स में ज़रूर बताएं। 
उड़ान@ हुमा खान 

टिप्पणियाँ

  1. Nice thoughts dear
    Sirf samjhane se kam nhi banega sahi aur galat ke beech ke difference ko bhi batana honga aur career par focus na karne aage jakar wo he premi ya premika sath chhod dete h jab life ki sachchhai samne aati h

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  2. Nice अतिसुंदर लिखा मेम आप ने

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  3. स्कूलों कोचिंग सेंटरों के शिक्षक को बताना और समझना चाहिए बच्चो को

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  4. बहुत ही खूब बच्चो को जरूर समझाना चाहिए

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  5. Di bhut accha note kiya h apna. .. Agr sabko apna sapno sa apna dreams sa pyr Ho jayga na ... To bhut had tk ya nhi hoga. . Kuki koi ve cheez galat nhi hoti pyr. .. Ve galat nhi h ... Bs waqt hota h ..or hr cheez waqt k hisab sa Ho to sab theek hota h ... Jis din log apna dreams k sath compromise krna chod dege sab theek Ho jayga ... Sirf baat inti he samajne h Aj ki generation ko ki ... Whatever you want you can do . . But never ever compromise with your dreams you'r ambitious ...

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  6. Bahut achhchha likha mem aap ne ek sahi bat hai ye to 👍👍👍👍

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